Note= अपने पिता के मर जाने के कुछ महीनों बाद,एक आदर्शवादी लड़का अपने पिता की बातों को याद करता है। ============================================
जब तू हँसा था ।
तो तेरी मुस्कराहट बना था मैं ।
जब तू रोया था ।
तो तेरे आँशु बना था मैं ।
जब तू गिरा था ।
तो तेरा जख्म बना था मैं ।
जब तू समला था ।
तो तेरी शक्ति बना था मैं ।
अकेला नही है तू ।
पास हूँ मैं तेरे ।
जब तूने मंजिल प्राप्त की ।
तो तेरी जीत बना था मैं।
जब तू हारा था ।
तो तेरा दुःख बना था मैं ।
जब था तू उदास ।
तो तेरा गम बना था मैं ।
तेरे प्रत्येक कार्य में ।
साथ था मैं तेरे ।
अकेला नही है तू ।
पास हूँ मैं तेरे ।
pic by google......
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