भगवान की सच्ची भक्ति कैसे की जाती है? | प्रेरणादायक हिंदी कहानियां

 भगवान की पूजा करने के आसान तरीके -

भगवान् की सच्ची भक्ति करने के लिए दिल,दिमाग, और आत्मा को पवित्र और साफ़ बनाये रखना  होता है| तथा अपने आप को हमेशा सकारात्मकता प्रदान करनी होती है|
दिल और दिमाग को कैसे साफ़ रख्ने, इसके लिए मैं आपको नीचे दो उदाहरण बताने जा रहा हूँ.

आत्मचिंतन

एक महिला रोज मंदिर जाती थी ! 

एक दिन उस महिला ने पुजारी से कहा अब मैं मंदिर नही आया करूँगी !

इस पर पुजारी ने पूछा -- क्यों ?

तब महिला बोली -- मैं देखती हूँ लोग मंदिर परिसर में अपने फोन से अपने व्यापार की बात करते हैं ! कुछ ने तो मंदिर को ही गपशप करने का स्थान चुन रखा है ! कुछ पूजा कम पाखंड,दिखावा ज्यादा करते हैं !

इस पर पुजारी कुछ देर तक चुप रहे फिर कहा -- सही है ! परंतु अपना अंतिम निर्णय लेने से पहले क्या आप मेरे कहने से कुछ कर सकती हैं !

महिला बोली -आप बताइए क्या करना है ?

पुजारी ने कहा -- एक गिलास पानी भर लीजिए और 2 बार मंदिर परिसर के अंदर परिक्रमा लगाइए । शर्त ये है कि गिलास का पानी गिरना नहीं चाहिये !

महिला बोली -- मैं ऐसा कर सकती हूँ !

फिर थोड़ी ही देर में उस महिला ने ऐसा ही कर दिखाया ! 


उसके बाद मंदिर के पुजारी ने महिला से 3 सवाल पूछे -

1.क्या आपने किसी को फोन पर बात करते देखा?

2.क्या आपने किसी को मंदिर में गपशप करते देखा?

3.क्या किसी को पाखंड करते देखा?

महिला बोली -- नहीं मैंने कुछ भी नहीं देखा !

फिर पुजारी बोले --- जब आप परिक्रमा लगा रही थीं तो आपका पूरा ध्यान गिलास पर था कि इसमें से पानी न गिर जाए इसलिए आपको कुछ दिखाई नहीं दिया|

 अब जब भी आप मंदिर आयें तो अपना ध्यान सिर्फ़ परम पिता परमात्मा में ही लगाना फिर आपको कुछ दिखाई नहीं देगा| सिर्फ भगवान ही सर्वत्र दिखाई देगें|

    '' जाकी रही भावना जैसी ..

   प्रभु मूरत देखी तिन तैसी|''

जीवन मे दुःखो के लिए कौन जिम्मेदार है ?

 👉🏻 जिम्मेदार आप स्वयं है|

1) आपका सरदर्द, फालतू विचार का परिणाम|

2) पेट दर्द, गलत खाने का परिणाम|

3) आपका कर्ज, जरूरत से ज्यादा खर्चे का परिणाम|

4) आपका दुर्बल /मोटा /बीमार शरीर, गलत जीवन शैली का परिणाम|

5) आपके कोर्ट केस, आप के अहंकार का परिणाम|

6) आपके फालतू विवाद, ज्यादा व् व्यर्थ बोलने का परिणाम|

      उपरोक्त कारणों के अलावा सैकड़ों कारण है और बेवजह दोषारोपण दूसरों पर करते रहते हैं | इसमें ईश्वर दोषी नहीं है|

अगर हम इन कष्टों के कारणों पर बारिकी से विचार करें तो पाएंगे की कहीं न कहीं हमारी मूर्खताएं ही इनके पीछे है|

कभी कोई परेशानी आए तो खुद से बात करें। किसी और के ऊपर उंगली करने से पेहले जबाब स्वयं से जरूर मिलेगा

 

चिंता ही परेशानी का कारण हैं 🏵️

एक राजा की पुत्री के मन में वैराग्य की भावनाएं थीं। जब राजकुमारी विवाह योग्य हुई तो राजा को उसके विवाह के लिए योग्य वर नहीं मिल पा रहा था।

 राजा ने पुत्री की भावनाओं को समझते हुए बहुत सोच-विचार करके उसका विवाह एक गरीब संन्यासी से करवा दिया।

राजा ने सोचा कि एक संन्यासी ही राजकुमारी की भावनाओं की कद्र कर सकता है।

 विवाह के बाद राजकुमारी खुशी-खुशी संन्यासी की कुटिया में रहने आ गई।

 कुटिया की सफाई करते समय राजकुमारी को एक बर्तन में दो सूखी रोटियां दिखाई दीं। उसने अपने संन्यासी पति से पूछा कि रोटियां यहां क्यों रखी हैं?

संन्यासी ने जवाब दिया कि ये रोटियां कल के लिए रखी हैं, अगर कल खाना नहीं मिला तो हम एक-एक रोटी खा लेंगे।

संन्यासी का ये जवाब सुनकर राजकुमारी हंस पड़ी। राजकुमारी ने कहा कि मेरे पिता ने मेरा विवाह आपके साथ इसलिए किया था, क्योंकि उन्हें ये लगता है कि आप भी मेरी ही तरह वैरागी हैं, आप तो  सिर्फ भक्ति करते हैं और कल की चिंता करते हैं।

सच्चा भक्त वही है जो कल की चिंता नहीं करता और भगवान पर पूरा भरोसा करता है।

 अगले दिन की चिंता तो जानवर भी नहीं करते हैं, हम तो इंसान हैं। अगर भगवान चाहेगा तो हमें खाना मिल जाएगा और नहीं मिलेगा तो रातभर आनंद से प्रार्थना करेंगे।

ये बातें सुनकर संन्यासी की आंखें खुल गई। उसे समझ आ गया कि उसकी पत्नी ही असली संन्यासी है।

उसने राजकुमारी से कहा कि आप तो राजा की बेटी हैं, राजमहल छोड़कर मेरी छोटी सी कुटिया में आई हैं, जबकि मैं तो पहले से ही एक फकीर हूं, फिर भी मुझे कल की चिंता सता रही थी। सिर्फ कहने से ही कोई संन्यासी नहीं होता, संन्यास को जीवन में उतारना पड़ता है। आपने मुझे वैराग्य का महत्व समझा दिया।

शिक्षा:

अगर हम भगवान की भक्ति करते हैं तो विश्वास भी होना चाहिए कि भगवान हर समय हमारे साथ है।

उसको (भगवान्) हमारी चिंता हमसे ज्यादा रहती हैं।

कभी आप बहुत परेशान हो, कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा हो।

आप आँखे बंद कर के विश्वास के साथ पुकारे, सच मानिये थोड़ी देर में आप की समस्या का समाधान मिल जायेगा।🙏 _हमेशा सकारात्मक सोच रखें  . किसे के बारे मे कभी भी गलती से भी गलत न बोले न सोचे।

 Written by सौरभ शर्मा

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